Teacher's Day 2019
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर सम्मानित करने के लिए हर साल *5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day)* मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के *पहले उपराष्ट्रपति* और *दूसरे राष्ट्रपति* थे. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था.
Teacher’s Day 2019 के अवसर पर डॉ. राधाकृष्णन की 131वीं जयंती भी मनाई जाएगी. डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षकों के पास देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए. वर्ष 1962 से, जिस वर्ष वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने, शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाने लगा.
*Teacher’s Day का महत्व*
Teacher’s Day अथवा शिक्षक दिवस का उद्देश्य किसी व्यक्ति के जीवन को आकार देने में सभी शिक्षकों के योगदान को महत्व देना है. इस दिन स्कूलों में छुट्टी नहीं होती और छात्रों को स्कूल जाना होता है. हालांकि स्कूल में सामान्य कक्षाओं को उत्सव की गतिविधियों से बदल दिया जाता है और शिक्षकों को उनकी कड़ी मेहनत और छात्र के शैक्षिक जीवन में अंतहीन योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है. शिक्षक दिवस उन सभी शिक्षकों, गुरुओं और गुरुओं को समर्पित है जो अपने छात्रों को बेहतर मानव बनने के लिए उनका मार्गदर्शन करते हैं.
*कैसे हुई शुरुआत?*
_डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के शुभ अवसर पर उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन जवाब में डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि “मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय, यह सौभाग्य की बात होगी कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए.”_
*डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिले सम्मान*
• डॉ. राधाकृष्णन को 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
• उन्हें कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ-साथ 1931 में नाइटहुड और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया.
• डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नोबेल पुरस्कार के लिए 27 बार, साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिए 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 11 बार नामांकित किया गया था.
Teacher’s Day 2019 के अवसर पर डॉ. राधाकृष्णन की 131वीं जयंती भी मनाई जाएगी. डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षकों के पास देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए. वर्ष 1962 से, जिस वर्ष वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने, शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाने लगा.
*Teacher’s Day का महत्व*
Teacher’s Day अथवा शिक्षक दिवस का उद्देश्य किसी व्यक्ति के जीवन को आकार देने में सभी शिक्षकों के योगदान को महत्व देना है. इस दिन स्कूलों में छुट्टी नहीं होती और छात्रों को स्कूल जाना होता है. हालांकि स्कूल में सामान्य कक्षाओं को उत्सव की गतिविधियों से बदल दिया जाता है और शिक्षकों को उनकी कड़ी मेहनत और छात्र के शैक्षिक जीवन में अंतहीन योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है. शिक्षक दिवस उन सभी शिक्षकों, गुरुओं और गुरुओं को समर्पित है जो अपने छात्रों को बेहतर मानव बनने के लिए उनका मार्गदर्शन करते हैं.
*कैसे हुई शुरुआत?*
_डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के शुभ अवसर पर उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन जवाब में डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि “मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय, यह सौभाग्य की बात होगी कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए.”_
*डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिले सम्मान*
• डॉ. राधाकृष्णन को 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
• उन्हें कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ-साथ 1931 में नाइटहुड और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया.
• डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नोबेल पुरस्कार के लिए 27 बार, साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिए 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 11 बार नामांकित किया गया था.
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